यूपी के अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की रोजाना सुनवाई पर दो अगस्त को फैसला देगा। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की प्रगति पर अध्ययन के बाद यह फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 जुलाई को इस मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी थी, जो आज मिली है।
इस पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा, ‘हम मामले की सुनवाई के लिए 2 अगस्त की तारीख निर्धारित करते हैं। हम मध्यस्थता समिति से अनुरोध करते हैं, कि वह 31 जुलाई तक कार्यवाही के परिणाम की सूचना दे। वही सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था, की यदि मध्यस्थता प्रक्रिया किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंची तो 25 जुलाई से इस मामले की रोजाना सुनवाई होगी।
आपको बता दे, की मुख्य न्यायाधीश कि पीठ ने अदालत के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एफएमआई खलीफुल्ला के नेतृत्व में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल का गठन किया था। वही एक हिंदू पक्षकार ने बीते नौ जुलाई को उच्चतम न्यायालय से इस मामले में शीघ्र सुनवाई का अनुरोध करते हुए आवेदन दायर किया था। वही एक अन्य पक्षकार गोपाल सिंह विशारद की ओर से अदालत में कहा गया था कि मध्यस्थता प्रक्रिया में कोई खास प्रगति नहीं हो रही है।
गोपाल सिंह विशारद की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील पीएस नरसिंहा ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए कहा था कि मध्यस्थता प्रक्रिया में कुछ खास कार्य नहीं हुआ है. इसलिए वह चाहते हैं कि मामले का निपटारा करने के लिए तारीखें लगाई जाएं, उसी के मद्देनजर आज फैसला आया है।
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(SPASHTAWAZ NEWS)